
रंग-बिरंगे ऊन के गोले
मम्मी लाई भर के झोले
रात-रातभर जाग-जाग कर
बुन डाला एक सुंदर स्वेटर
स्वेटर पर दो फूल बने हैं
फूलों पर मंडराती तितली
जब मैं इसको पहन निकलती
ठंडक को भी लगती गर्मी
थैंक्यू मम्मी थैंक्यू मम्मी
मम्मी लाई भर के झोले
रात-रातभर जाग-जाग कर
बुन डाला एक सुंदर स्वेटर
स्वेटर पर दो फूल बने हैं
फूलों पर मंडराती तितली
जब मैं इसको पहन निकलती
ठंडक को भी लगती गर्मी
थैंक्यू मम्मी थैंक्यू मम्मी
5 comments:
हम तो आपके दीवाने होते जा रहे हैं
बहुत सुंदर...।
bahut khub
बहुत सुंदर.
बढ़िया।
घुघूती बासूती
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