Friday, December 12, 2008

मंगल ब्रश क्यों नहीं करता



बबलू का एक दोस्त था जिसका नाम था मंगल । वह बबलू से दो साल बड़ा था । मंगल अपनी नानी के यहां रहा करता था‌ । एक दिन उसने बबलू और उसके दोस्तो को कुछ पत्तियां दिखाते हुए कहा तुम लोग जानते हो ये किस पौधे की पत्तियां हैं । सबने पत्तियों को ध्यान से देखा लेकिन कोई भी बच्चा यह नहीं बता पाया कि ये किस चीज की पत्तियां हैं । तब मंगल ने बड़े गर्व से बताया कि ये तुलसी की पत्तियां हैं उसने कहा कि वह सुबह ब्रश नहीं करता बल्कि उन पत्तियों को चबाकर ही अपने दांत साफ कर लेता है । बबलू और उसकेसारे बच्चों को मंगल से बहुत इंप्रेस हुए सबको लगा कि मंगल कितनी बड़ी बड़ी बातें जानता है। बबलू ने मन में सोचा कि वह भी कल से ब्रश नहीं करेगा बस मंगल की तरह तुलती की पत्तियां चबाकर अपने दांत साफ कर लेगा । अगले दिन बबलू ने सुबह सुबह मम्मी से तुलसी के पत्ते की फरमाइश कर दी । बबलू ने मम्मी से कहा कि मैं आज से ब्रश नहीं करूंगा मैं तो बस तुलसी के पत्ते खा लूंगा तो मेरे दांत साफ हो जाएंगे मम्मी ने बहुत समझाया लेकिन बबलू मानने को तैयार ही नहीं हुआ। पापा ने भी कहा कि अगर तुम अपने दांत साफ नहीं करोगे तो तुम्हारे दांत टूट जाएंगे लेकिन बबूल ने कहा कि मंगल भी तो केवल तुलसी के पत्ते खाकर अपने दांत साफ करता है उसके दांत तो नहीं टूटते । जब बबलू किसी तरह नहीं माना तो तंग आकर मम्मी ने उसकी पिटाई कर दी‌ बबलू खूब रोया लेकिन उसने ब्रश नहीं किया‌ । एक दिन जब बबलू अपने दोस्तो के साथ खेल रहा था तभी उसने मंगल को देखा मंगल के सामने का एक दांत टूट गया था। अरे वो देखो मंगल का एक दांत टूट गया है बबलू ने चिल्लाकर कहा । सारे बच्चे मंगल की ओर देखने लगे‌ मंगल के सामने का एक दांत टूट गया था । उसका चेहरा अजीब सा लग रहा था । उसे देखकर सारे बच्चे हंसने लगे । लेकिन मंगल पर कोई फर्क नहीं पड़ा उसने गंभीर होकर कहा कि जो बच्चे बड़े हो जाते हैं उनके बचपन के दांत टूटते हैं और नए दांत उग जाते हैं ये देखो मेरे दांत उग रहे हैं उसने अपने ओठों को फैलाते हुए अपने दांत दिखाए । सचमुच मसूड़ों के बीच से एक नन्हा सा दांत झांक रहा था । सबको बहुत आश्चर्य हो रहा था। अन्नू ने पूछा कि क्या मेरे भी दांत टूट जाएंगे हां तुम सभी के दांत टूट जाएंगे फिर मेरी तरह दूसरे दांत आ जाएंगे । लेकिन तुम्हारे दांत इतनी जल्दी नहीं उगेंगे। क्यों सारे बच्चों ने पूछा । क्योंकि मेरी मम्मी ने भगवान से कह कर मेरे दांत जल्दी से उगवा दिए हैं । वो उपर आसमान में रहती है मंगल ने आसमान की ओर इशारा करते हुए कहा भगवान उसके दोस्त हैं उसकी हर बात मानते हैं । मेरी भी मम्मी आसमान में रहती है बबलू ने कहा । नहीं तुम्हारी मम्मी तो तुम्हारे घर में रहती है आसमान में तो वे रहते हैं जिनकी मौत हो जाती है । मम्मी मर कर आसमान में चली जाती है संजू ने पूछा । हां जब तुम्हारी मम्मी की मौत हो जाएगी तो वे भी आसमान में चली जाएंगी । तो वे मेरे दांत जल्दी से उगा देंगी बबलू ने कहा
क्रमशः

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बचपन की यादेम ताजा हो गई।बहुत मार्मिक प्रसंग है।

ghughutibasuti said...

बच्चों के संसार का बढ़िया चित्रण किया है ।
घुघूती बासूती

विवेक सिंह said...

बहुत सुन्दर पोस्ट !

विवेक सिंह said...

बहुत सुन्दर पोस्ट !

Aaditya said...

आगे क्या?