Thursday, April 16, 2009

चोरी-चोरी गुझिया खाई नैना जी की हुई पिटाई


नैना को है भोजन प्यारा
गुझिया से महके घर सारा
नैना का मन हुआ बेचैन
गुझिया खाकर मिलेगा चैन
नैना का जी ललचाए
खोजा बहुत थाल ना पाए
मम्मी जी ने थाल छिपाया
नैना को भी गुस्सा आया

अब तो गुझिया खानी है
कोई जुगत लगानी है
मम्मी थी कमरे में सोई
नहीं दिखा किचन में कोई
फिर तो नैना सबसे बचके
किचन में घुस गई चोरी-छिपके
कुछ खाया कुछ गिरा दिया
जेब में गुझिया ठूंस लिया
दबे पांव बाहर निकली
पर मम्मी ने देख लिया
चोरी-चोरी गुझिया खाई
नैना जी की हुई पिटाई