Monday, December 22, 2008

थैंक्यू मम्मी




रंग-बिरंगे ऊन के गोले
मम्मी लाई भर के झोले
रात-रातभर जाग-जाग कर
बुन डाला एक सुंदर स्वेटर
स्वेटर पर दो फूल बने हैं
फूलों पर मंडराती तितली
जब मैं इसको पहन निकलती
ठंडक को भी लगती गर्मी
थैंक्यू मम्मी थैंक्यू मम्मी

Monday, December 15, 2008

मेरी प्यारी रजाई



मेरी रजाई गरम-गरम
इसके अंदर सोते हम
यह मुझसे भी भारी है
लेकिन मुझको प्यारी है
ठंडक से लड़ जाती है
सर्दी से दूर भगाती है
मुझको अपनी गोद में लेकर
परी लोक तक जाती है
जब गर्मी आ जाती है
ये बक्से में छिप जाती है

Saturday, December 13, 2008

मंगल ब्रश क्यों नहीं करता-२


जारी---

तुम तो बिलकुल बुद्धू हो। मंगल ने बबलू को डांटा मम्मी आसमान में चली जाएगी तो फिर तुमहें प्यार कौन करेगा‍ । मेरी मममी तो मुझे खूब प्यार करती हैं बबलू ने कहा । बेचारे मंगल की मम्मी नहीं है तो उसे कौन प्यार करता होगा । बबलू ने मन में सोचा । उसे मंगल के बारे में सोचकर बहुत दुख हो रहा था । मंगल तुमहें कौन प्यार करता है संजू ने पूछा । मंगल ने बताया कि उसे उसकी नानी प्यार करती है बहुऽऽत सारा प्यार मंगल ने अपने दोनों हाथों को फैलाते हुए कहा । लेकिन मुझे मम्मी की भी बहुत याद आती है मंगल ने बताया । जब मैं बहुत छोटा था तभी मम्मी भगवान मे पास चली गई थीं । मंगल ने बताया । नानी बोलती है जो लोग अच्छे होते हैं उन्हें भगवान अपने पास बुला लेते हैं । मेरी मम्मी भी तो बहुत अच्छी है । बबलू ने मन में सोचा । अगर मेरी मम्मी भगवान के पास चलीं जाएंगी तो मुझे कोई प्यार करने वाला नहीं होगा । मेरी तो नानी भी मुझे से बहुत दूर रहती हैं बबलू ने सोचा ।
कल से मैं मम्मी को कभी तंग नहीं करूंगा। बबलू ने सोचा। अगली सुबह मम्मी ने बबलू से कहा कि चलो ब्रश कर लो तो बबलू झट से तैयार हो गया । मम्मी ने कहा अरे वाह मेरा बेटा तो बहुत समझदार हो गया है मम्मी को समझ में ही नहीं आ रहा था कि बबलू आखिर इतना समझदार कैसे हो गया।

Friday, December 12, 2008

मंगल ब्रश क्यों नहीं करता



बबलू का एक दोस्त था जिसका नाम था मंगल । वह बबलू से दो साल बड़ा था । मंगल अपनी नानी के यहां रहा करता था‌ । एक दिन उसने बबलू और उसके दोस्तो को कुछ पत्तियां दिखाते हुए कहा तुम लोग जानते हो ये किस पौधे की पत्तियां हैं । सबने पत्तियों को ध्यान से देखा लेकिन कोई भी बच्चा यह नहीं बता पाया कि ये किस चीज की पत्तियां हैं । तब मंगल ने बड़े गर्व से बताया कि ये तुलसी की पत्तियां हैं उसने कहा कि वह सुबह ब्रश नहीं करता बल्कि उन पत्तियों को चबाकर ही अपने दांत साफ कर लेता है । बबलू और उसकेसारे बच्चों को मंगल से बहुत इंप्रेस हुए सबको लगा कि मंगल कितनी बड़ी बड़ी बातें जानता है। बबलू ने मन में सोचा कि वह भी कल से ब्रश नहीं करेगा बस मंगल की तरह तुलती की पत्तियां चबाकर अपने दांत साफ कर लेगा । अगले दिन बबलू ने सुबह सुबह मम्मी से तुलसी के पत्ते की फरमाइश कर दी । बबलू ने मम्मी से कहा कि मैं आज से ब्रश नहीं करूंगा मैं तो बस तुलसी के पत्ते खा लूंगा तो मेरे दांत साफ हो जाएंगे मम्मी ने बहुत समझाया लेकिन बबलू मानने को तैयार ही नहीं हुआ। पापा ने भी कहा कि अगर तुम अपने दांत साफ नहीं करोगे तो तुम्हारे दांत टूट जाएंगे लेकिन बबूल ने कहा कि मंगल भी तो केवल तुलसी के पत्ते खाकर अपने दांत साफ करता है उसके दांत तो नहीं टूटते । जब बबलू किसी तरह नहीं माना तो तंग आकर मम्मी ने उसकी पिटाई कर दी‌ बबलू खूब रोया लेकिन उसने ब्रश नहीं किया‌ । एक दिन जब बबलू अपने दोस्तो के साथ खेल रहा था तभी उसने मंगल को देखा मंगल के सामने का एक दांत टूट गया था। अरे वो देखो मंगल का एक दांत टूट गया है बबलू ने चिल्लाकर कहा । सारे बच्चे मंगल की ओर देखने लगे‌ मंगल के सामने का एक दांत टूट गया था । उसका चेहरा अजीब सा लग रहा था । उसे देखकर सारे बच्चे हंसने लगे । लेकिन मंगल पर कोई फर्क नहीं पड़ा उसने गंभीर होकर कहा कि जो बच्चे बड़े हो जाते हैं उनके बचपन के दांत टूटते हैं और नए दांत उग जाते हैं ये देखो मेरे दांत उग रहे हैं उसने अपने ओठों को फैलाते हुए अपने दांत दिखाए । सचमुच मसूड़ों के बीच से एक नन्हा सा दांत झांक रहा था । सबको बहुत आश्चर्य हो रहा था। अन्नू ने पूछा कि क्या मेरे भी दांत टूट जाएंगे हां तुम सभी के दांत टूट जाएंगे फिर मेरी तरह दूसरे दांत आ जाएंगे । लेकिन तुम्हारे दांत इतनी जल्दी नहीं उगेंगे। क्यों सारे बच्चों ने पूछा । क्योंकि मेरी मम्मी ने भगवान से कह कर मेरे दांत जल्दी से उगवा दिए हैं । वो उपर आसमान में रहती है मंगल ने आसमान की ओर इशारा करते हुए कहा भगवान उसके दोस्त हैं उसकी हर बात मानते हैं । मेरी भी मम्मी आसमान में रहती है बबलू ने कहा । नहीं तुम्हारी मम्मी तो तुम्हारे घर में रहती है आसमान में तो वे रहते हैं जिनकी मौत हो जाती है । मम्मी मर कर आसमान में चली जाती है संजू ने पूछा । हां जब तुम्हारी मम्मी की मौत हो जाएगी तो वे भी आसमान में चली जाएंगी । तो वे मेरे दांत जल्दी से उगा देंगी बबलू ने कहा
क्रमशः

Monday, December 1, 2008

बंदर रोए हूऽऽऽ हूऽऽ हूऽ



एक बंदरिया बैठी थी
कंप्यूटर के सामने
काम थे उसके बहुत पड़े
लगी थी वो दिल थामने
सामने की डाल पर
बैठे थे बंदर दो
बंदरिया को देखकर
हंसते थे वे हो हो कर
बंदरिया को गुस्सा आया
जाकर थप्पड़ उन्हें लगाया
बंदरों के बन गए मुंह
बंदर रोए हूऽऽऽ हूऽऽ हूऽ