काश... फ़िर से लौट आते वे दिन
भई बहुत मस्त कविता है, मज़ेदार! और क्या कहूँ।---------------चाँद, बादल और शामhttp://prajapativinay.blogspot.com/
बढिया कविता लिखी है।आजकल रजाई सचमुच बहुत प्यारी लगती है।
मज़ेदार!
बहुत अच्छे , मज़े आ गए |जग -जग जीओ बचवा |
CHALO THAND HAI.SIGANGANAGAR ME BUNDA BANDI HO RAHI HAI. NARAYAN NARAYAN
बहुत प्यारी कविता है, बधाई।
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6 comments:
भई बहुत मस्त कविता है, मज़ेदार! और क्या कहूँ।
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चाँद, बादल और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/
बढिया कविता लिखी है।आजकल रजाई सचमुच बहुत प्यारी लगती है।
मज़ेदार!
बहुत अच्छे , मज़े आ गए |
जग -जग जीओ बचवा |
CHALO THAND HAI.SIGANGANAGAR ME BUNDA BANDI HO RAHI HAI. NARAYAN NARAYAN
बहुत प्यारी कविता है, बधाई।
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