Wednesday, January 28, 2009

तितली रानी



तितली रानी तितली रानी
पंख तुम्हारे प्यारे-प्यारे
टैटू तुमने बनवाए या
बच्चों ने मारे गुब्बारे
या फूलों का रंग चुराकर
तुमने खुद को रंग डाला है

मैं तुमसे कट्टी कर लूंगी
वर्ना सच्ची बात बता दो
मम्मी-पापा से कह कर
मुझको ऐसे पंख दिला दो

संग तुम्हारे मंडराऊंगा
सबके जी को ललचाऊंगा
जब जाना होगा स्कूल
पंख लगाकर उड़ जाऊंगा

3 comments:

Aaditya said...

bahut achchhhi... maja aayaa

समय चक्र said...

वाह तितली तितली रानी
पधिया कविता पढ़कर बचपन याद आ गया . धन्यवाद.

Udan Tashtari said...

प्यारी रचना!