तितली रानी तितली रानी
पंख तुम्हारे प्यारे-प्यारे
टैटू तुमने बनवाए या
बच्चों ने मारे गुब्बारे
या फूलों का रंग चुराकर
तुमने खुद को रंग डाला है
मैं तुमसे कट्टी कर लूंगी
वर्ना सच्ची बात बता दो
मम्मी-पापा से कह कर
मुझको ऐसे पंख दिला दो
वर्ना सच्ची बात बता दो
मम्मी-पापा से कह कर
मुझको ऐसे पंख दिला दो
संग तुम्हारे मंडराऊंगा
सबके जी को ललचाऊंगा
जब जाना होगा स्कूल
पंख लगाकर उड़ जाऊंगा
सबके जी को ललचाऊंगा
जब जाना होगा स्कूल
पंख लगाकर उड़ जाऊंगा
3 comments:
bahut achchhhi... maja aayaa
वाह तितली तितली रानी
पधिया कविता पढ़कर बचपन याद आ गया . धन्यवाद.
प्यारी रचना!
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